गुजरात राज्य के मह्त्वपूर्ण विभाग फुड एंड ड्रग (भोजन और दवा) विभाग की एक ही आर.टी.आई.में नवसारी से गांधीनगर तक के अधिकारीयो मे भगदड ......लोकरक्षक

गुजरात राज्य के मह्त्वपूर्ण विभाग फुड एंड ड्रग (भोजन और दवा) विभाग की एक ही आर.टी.आई.में नवसारी से गांधीनगर तक के अधिकारीयो मे भगदड ......लोकरक्षक

        आज गुजरात के लगभग सभी विभागो में भ्रस्टाचार चरम सीमा पर पहुंच गया है। सामान्य लेखपाल से लेकर कमिश्नर तक के लगभ सभी लोग अपनी सभी इच्छाओं की पूर्ति के लिये एन केन प्रकारेण पूरा करने में रात दिन लगे हुए है। आज महगाई भ्रस्टाचार बेरोजगारी अपने मंजिल तक पहुंच गयी है। सरकार के एक तरफ सभी वादे कागजी सावित हो रहे है। सरकार भी रात दिन महगाई भ्रस्टाचार बेरोजगारी रोकने में कोई कसर बाकी रखने को तैयार नही है। फिर भी अंत मे ढाक के तीन पात ही नजर आते है। और विपक्ष इन सारे वादो की वजह से पायी हुई हार से एक भी कदम किसी भी मुद्दे पर छोडने को तैयार नही है। अब सरकार करे तो क्या करे। कहीं कुछ गडबड जरूर हो रही है। कुछ तो है जो सरकार की नजर से नजर अंदाज अनजाने में हो रहा है। आखिर क्यों ऐसा होता है आज सरकार का  जवाब में मजबूती नही है। उसका आज मुख्य कारण है कि आज के अधिकारी जिनके उपर इसे मिटाने का काम कायदेसर दिया गया है। आज ए पहले से अपना एक मौलिक स्वभाव आदत को बदलने में कोई तैयारी नही बता रहे है और हर जगह पकडे जा रहे है। आज युग परिवर्तन हो रहा है आज हर पल नयी-नयी अति आधुनिक वैज्ञानिक टेकनोलजी विकसित हो गयी है अब बचना मुश्किल हो गया करें तो कैसे करे आज अधिकारीयो को करोडपति बनना है वेतन हजार और लाखो से ज्यादा मिल नही सकता और काम कुछ करना न पडे एक चमत्कार हो तो कैसे हो । बडी मुशीबत आज अधिकारीयो को महसूस हो रही है। ऐसा एक जमीनी हकीकत गुजरात राज्य के दवा और भोजन विभाग नवसारी जिले का सामने आया है आईए अब उसकी दास्तान पर नजर डाले.......
      आज हर जगह चाय की दुकान से लेकर दवा उत्पादको होटलो खान-पान के सभी स्थानो पर मिलावट और अपनी मर्जी के मुताविक भाव रखने का एक नया दौर शुरू हो गया है। चमत्कार एवम जादु के उपर सरकार वर्षो पहले से प्रतिबंध लगा चुकी है। परंतु उसे अब आधुनिक रूप दे दिया गया और एक सरकारी अधिकारीयो के द्वारा प्रचलित मुहावरा है कि जितना कायदा उतना फायदा। इससे सरकारी अधिकारीयो का एक तरफ फायदा बढा कि दूसरी तरफ एसके निर्माता डायरेक्टर अपना फायदा कई गुना बढा दिये क्योंकि अब कोई डर नही रहा । इसी के मतालिफत एक नवसारी जिले मे फुड एंड ड्रग (भोजन और दवा) विभाग में सरकार के दिये गये नियम के मुताविक भ्रस्टाचार विरूद्ध आर.टी.आई मे एक सूचना नवसारी जिले में जुलाई के दूसरे सप्ताह में लोकरक्षक द्वारा मागी गयी।जैसा कि अन्य विभागो में एक चलन है यहा व्यवहार को अधिकारी भगवान से ज्यादा मानते है । अब व्यवहार का सिलसिला चालु हो गया। अब इनका आज तक का मुहावरा अब इन्हे ही भारी पड गया जितना कायदा उतना फायदा होना चाहिये ।और सिलसिला बढता गया अब नौबत यहां तक आ गयी कि इनके फायदे में कहीं कायदा नजर नही आता सब एक ही कायदे में मानने वाले लोगो का नजारा इस हद तक बढ गया है कि गुजरात मोडल की मुख्य कचेरी भी इसी कायदे से चल रही है सभी सिर्फ और सिर्फ व्यवहार को ही मानते है अब इनके इस व्यवहार से आज कायदा- कानून सिर्फ फाइलो में अपना अंतिम श्वास ले रहा है और सरकार बे मौत मर रही है सरकार की बदनामी हमारी सब की बदनामी होती है । आज भले ही सही बदनामी हो रही है परंतु यह कोई अच्छी बात नही है आइये इसे एक बदलाव मे लाने का प्रयास करे ।
 नवसारी जिले में दवा और भोजन विभाग आज भ्रस्टाचार मे समाहित हो चुका है कायदे कानून की धज्जिया उडाई जा रहे नागरिक और सरकार आज इनके कार्यो से दुखी हो चुका है । अब इस समाचार को जब बडी जवाबदारी पूर्बक लिखा जा रहा है क्या इसकी गंभीरता को सरकार और संबधित अधिकारी समझने की कोशिश करेंगे ?
   अब हमे मिली जानकारी के आंशिक तथ्य दिये जा रहे है जो इन्ही के कार्यालय और नागरिको के साथ कार्यालय से मिली (प्रोएक्टिव डिस्क्लोझर) से मिली है।
 यह विभाग के निरीक्षको को नवसारी जिले में रहना अनिवार्य है ? परंतु यहां नही रहते ।क्यों- व्यवहार से चलता है।सरकार के हुकम के अनुसार सभी लायसंन्स धारको का वर्ष मे एक वार निरीक्षण किया जाना अनिवार्य है । इसका जवाब इनकी वेब साईड पर देखा जा सकता है कि किसी किसी का अंतिम 3 से पांच साल तक निरीक्षण नही किया गया ।जादुई इलाज के लिये विशेष कानून बनाया गया है यहां कोई कार्यवाही
आज तक नही की गयी। सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अनुसार किसी भी कार्यालय में आम नागरिको के द्वारा दिखाई पडे ऐसी जगह सूचना अधिकारी सहायक सूचना अधिकारी अपील सत्ता अधिकारी का नाम पता टेलीफोन नंबर के साथ नागरिक अधिकार पत्र का बोर्ड लगाया जाना अनिवार्य है ।परंतु  ऐसा कोई कायदे अभी तक इस कार्यालय में नही है। इसे प्रत्य्क्ष देखा गया ।
यहां राज्य के गांधीगर से सुनवाई की जाती है और वहां भी कोई अपील को सुनने वाला नही है । वहां भी गांधीनगर से मिले पत्र के अनुसार प्रथम सूचना अधिकारी ही सिर्फ लिखते है सुनवाई कैसे की जाती है दोनो पक्षो को बुलाया जाता है आरटीआई के नियमानुसार कायदे का पालन कर के किया जाता है इसका गुजरात राज्य के मुख्य कार्यालाय को कम से कम अब तक तो पता नही है इसे लोकरक्षक के सम्पादक द्वारा देखा गया। हर जिले में सूचना अधिकारी सहायक सूचना अधिकारी और अपील सत्ता अधिकारी होना अनिवार्य है।

इस के लिये जवाब मे नवसारी जिले मॆ इस कार्यालय मे इससे कोई ज्यादा मतलब नही है।यहां अगर ऐसा किया जाये तो ज्यादा सूचना मागने वाले हो सकते है और गांधीनगर तक सभी जिलो से आना एक खर्च के साथ समय और जवाब न मिलने से दूर दराज के जिलो से मागी नही जाती और मागी जाती है तो गांधीनगर तक पहुचना मुश्किल होने से यह कार्यालय  विकासशील समृद्ध पारदर्शी रहता है।

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