आज गुजरात प्रदेश मोडल के रूप में प्रख्यात है। हालाकि यह सिर्फ ज्यादातर फाईलो में और नेताओ के भाषण मे ही किया जाता है। जमीनी हकीकत मे यहां के मुख्यमंत्री के हुकम का पालन सिर्फ एक दिखावा ही शायद होगा वैसे यहां कोई भी फरियाद दी जाये तो उसके बाद मुख्य मंत्री के कार्यालय से संबधित विभागो को देर सबेर भेजा जाने की चलन अवश्य है उसके बाद सिर्फ ढाक के तीन पात ही नजर आता है ऐसा एक उदाहरण यहां नवसारी जिले मे जिला पुरवठा अधिकारी के पास आये हुए हुकम का पालन कैसे किया गया वह आज तक किसी को पता ही नही चला और जब उस हुक्म में की जाने वाली कार्यवाही के बारे मे सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 द्वारा कोई जवाब न मिलने पर जिला अधिक कलेक्टर से अपिल के दौरान पूछा गया तो कागजी कार्यवाही में कोई कार्यवाही न पाने पर अपिल को ही ना मंजूर कर दिया। क्योंकि भ्रस्टाचार के खिलाफ नवसारी जिले में सवाल करना समाचार पत्रो में लिखना गुनाह माना जाता है । धमकियां दिलवाई जाती है। आईए अब इसका उदाहरण नीचे दिये गये पत्रो के नकलो द्वारा समझने की कोशिश करे।
उपरोक्त प्रतियो से साफ जाहिर होता है कि नवसारी जिले के सरकारी वर्ग -1 के अधिकारी ही जब गुजरात राज्य के मुख्य मंत्री के हुकम का पालन नही कर सकते ।तब बाकी की क्या? क्या अब इसे गुजरात राज्य की महिला मुख्य मंत्री अपने अधिकारीयो के इस विरोध का जवाब देगी अथवा .....।
उपरोक्त प्रतियो से साफ जाहिर होता है कि नवसारी जिले के सरकारी वर्ग -1 के अधिकारी ही जब गुजरात राज्य के मुख्य मंत्री के हुकम का पालन नही कर सकते ।तब बाकी की क्या? क्या अब इसे गुजरात राज्य की महिला मुख्य मंत्री अपने अधिकारीयो के इस विरोध का जवाब देगी अथवा .....।
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