ध्यान से दस दिनों में दूर हो सकता है तनाव.

ध्यान से दस दिनों में दूर हो सकता है तनाव.


ध्यान से दस दिनों में दूर हो सकता है तनाव.

गहरे सदमे से गंभीर तनाव (पीटीएसडी) का शिकार लोगों के लिए अच्छी खबर यह है कि ट्रांसेंडेंटल मेडिटेशन (टीएम) तकनीक के जरिए 10 दिनों में तनाव आश्चर्यजनक रूप से कम किया जा सकता है। शोधकर्ताओं ने कांगो युद्ध के शिकार शरणार्थियों पर प्रयोग किया, जिससे यह आश्चर्यजनक नतीजे सामने आए। यूएस आर्मी रिजर्व मेडिकल कॉर्प्स के कर्नल ब्रायन रीज ने कहा कि पूर्व में किए गए शोधों में देखा गया था कि 30 दिनों में 90 प्रतिशत लोगों का तनाव समाप्त हो गया था। लेकिन बात काफी आश्चर्यचकित करने वाली है कि ट्रांसेंडेटल मेडिटेशन से 10 दिनों में ही इन लोगों का तनाव बेहद कम हो गया। शोधकर्ताओं ने 11 प्रतिभागियों का 10 दिनों के ट्रांसेंडेंटल मेडिटेशन के बाद और फिर 30 दिनों के बाद अध्ययन किया और पाया कि पीटीएसडी का स्तर 30 प्रतिशत तक गिर गया था।शोधकर्ताओं के मुताबिक, मेडिटेशन की इस विशेष तकनीक के दौरान रोगी को बेहद आराम और सुकून का अनुभव होता है। दिन में दो बार 20 मिनट के लिए ट्रांसेंडेटल मेडिटेशन करने से तंत्रिका तंत्र ठीक ढंग से काम करना शुरू करती है। पूरे दिन के लिए मानसिक एवं शारीरिक कार्य बेहतर तरीके से संचालित होते हैं। गहरे सदमे से गंभीर तनाव (पीटीएसडी) का शिकार लोगों के लिए अच्छी खबर यह है कि ट्रांसेंडेंटल मेडिटेशन (टीएम) तकनीक के जरिए 10 दिनों में तनाव आश्चर्यजनक रूप से कम किया जा सकता है। शोधकर्ताओं ने कांगो युद्ध के शिकार शरणार्थियों पर प्रयोग किया, जिससे यह आश्चर्यजनक नतीजे सामने आए।यूएस आर्मी रिजर्व मेडिकल कॉर्प्स के कर्नल ब्रायन रीज ने कहा कि पूर्व में किए गए शोधों में देखा गया था कि 30 दिनों में 90 प्रतिशत लोगों का तनाव समाप्त हो गया था। लेकिन बात काफी आश्चर्यचकित करने वाली है कि ट्रांसेंडेटल मेडिटेशन से 10 दिनों में ही इन लोगों का तनाव बेहद कम हो गया। शोधकर्ताओं ने 11 प्रतिभागियों का 10 दिनों के ट्रांसेंडेंटल मेडिटेशन के बाद और फिर 30 दिनों के बाद अध्ययन किया और पाया कि पीटीएसडी का स्तर 30 प्रतिशत तक गिर गया था। शोधकर्ताओं के मुताबिक, मेडिटेशन की इस विशेष तकनीक के दौरान रोगी को बेहद आराम और सुकून का अनुभव होता है। दिन में दो बार 20 मिनट के लिए ट्रांसेंडेटल मेडिटेशन करने से तंत्रिका तंत्र ठीक ढंग से काम करना शुरू करती है। पूरे दिन के लिए मानसिक एवं शारीरिक कार्य बेहतर तरीके से संचालित होते हैं।


print this post

Hi...! Readers ..! also following topics:

0 comments

Emoticon