भारतीय डाक संचार एवम सूचना विभाग की निष्कृय कामगीरी से आम जनता त्राहिमाम

भारतीय डाक संचार एवम सूचना विभाग की निष्कृय कामगीरी से आम जनता त्राहिमाम

      भारतीय डाक संचार एवम सूचना विभाग की निष्कृय कामगीरी से आम जनता त्राहिमाम 
                   आज भारत सरकार मेक इन इंडिया, डिझिटल इंडिया, पारदर्शी सरकार, समृद्ध भारत, जैसे सुन्दर सपनो एवम अच्छे शब्दो से अपने आप को हर जगह प्रचार प्रसार मे लगी सरकार सिर्फ अपने ही जीवन शैली को बताकर भारत मे सर्बश्रेष्ठ अपितु दुनिया मे सर्बश्रेष्ठ सावित करने में जुटी हुई है। भारत के  विशाल जनसंख्या वाले देश में ए सिर्फ नेता बदल गये जिसमें भी लगभग अंगुली पर गिने जाने वाले लोग ही काम करते हैं । भारत सरकार द्वारा कार्यरत विभाग जिनका आज सामान्य से सर्बोच्च नगरिको की ज्यादा हर रोज जरूरत होती है उनमें कोई अभी तक बदलाव नही हुआ जिसमे भारतीय डाक विभाग । इस विभाग में अभी भी वही पुरानी परम्पराओ पुरानी आदतो से सडे गले लोग कार्यरत है। जिसकी वजह से आज पूरा विभाग जैसे एक मछली पूरे तलाव को गंदा करती है उसी प्रकार से  भारत सरकार द्वारा कार्यरत विभाग भारतीय डाक विभाग आज लगभग सड सा गया है। सरकार चाहे जितना सुन्दर अच्छा कायदा बनाये इन्हे कोई फर्क नही पडता । भारत सरकार द्वारा कार्यरत विभाग भारतीय डाक विभाग में आज भी कायदे कानून की ऐसी की तैसी दर रोज की जाती है परंतु न कोई अधिकारी इसके बारे में सोचता है न कोई नेता न ही हमारी मीडिया इस तरफ रुख करती नजर आ रही है । भारत सरकार द्वारा कार्यरत विभाग भारतीय डाक विभाग  आज पुराने और भ्रष्ट अधिकारीओ की कामगीरी से आज लकवा ग्रस्त हो गया है। इस तरफ अब सबसे पहले एक नजर डालना जरूरी है । आज यह जानना जरूरी हो गया है कि भारत सरकार द्वारा कार्यरत विभाग भारतीय डाक विभाग के सभी अधिकारीओ को जो सरकार हर महीने बडी रकम के साथ हर आधुनिक सुविधाओ से सुसज्जित किया है। वह सरकार लाने के लिये गरीबो के साथ हर नागरिक के खून पसीने की तथा महेनत मसक्क्त की कमाई का है । जो भारत सरकार द्वारा कार्यरत विभाग भारतीय डाक विभाग  को भ्रष्टाचार अथवा आराम करने के लिये नही देती। आज भी भारत सरकार द्वारा कार्यरत विभाग भारतीय डाक विभाग में वर्षो पुराना कायदा कानून चल रहा है एक रजी.पोष्ट चाहे एक किलोमीटर या उससे कम की दुरी पर क्यों न हो पहुचने में कम से कम 3 से 5 दिन लग जाते है। इधर सरकार का कानून रजी.पोष्ट का कायदे से भेजा हुआ पत्र की मन्यता देती है इधर ए भारत सरकार द्वारा कार्यरत विभाग भारतीय डाक विभाग के अधिकारीओ को   वर्षो पुराना कायदा कानून के साथ बदलने या समय पर काम न करने पर कोई कार्यवाही न करने अथवा  अभी तक कोई कानून न बनाने से ए आराम करते अधिकारी हर बार छ्टक जाते हैं। 
                     इस विभाग के हर अधिकारी हर पोष्ट मे अभी तक लगभग यही हाल है किसी भी नागरिक को अगर जानकारी चाहिये एक रजी, अपने एक किलोमीटर अन्य पोष्ट पर करके देख सकता है । अभी अभी इसी महीने की ता. 09/03/2016 को एक दवाओ का पार्सल दादर के बडी पोष्ट से नवसारी गुजरात केलिये  भारत सरकार द्वारा कार्यरत विभाग भारतीय डाक विभाग में स्पीड पोष्ट से किया गया वह पहले मुम्बई गया फिर सुरत गया फिर वलसाड वापस उसी रास्ते से भेजा गया और ता.10/03/2016 को वलसाड पहुंचते ही हमारी पारदर्शी डिझिटल इंडिया समृद्ध भारत नया भारत विकास शील भारत के महिला प्रथम जैसे अधिकारी के पास पहुंचते पहुंचते अपना दम तोड दिया । और टेलीफोनिक  जानकारी में  एक महिला अधिकारी द्वारा हमे बताया गया कि हम इसमे अब कुछ नही कर सकते आपका पार्शल यहा पडा है । उनके कहने का भाव इस तरह से है कि पारसल नही पहुंचा इसमे हमारी कोई भूल नही है जैसे पारसल खुद नही जा रहा है। आज तारीख 13मार्च रवीवार तक अभी उस पारसल की क्या हालात है किस हालत मे कहां है कोई पता नही चल पाया है।
                       नवसारी वलसाड सुरत जैसे गुजरात की आर्थिक राजधानी जसे जिलो में सूचना का अधिकार 2005 लागु नही किया गया जो कि दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मजनक है । भारत सरकार क्या ऐसे अधिकारीओ के साथ कुछ कर पायेगी । अभी कहना ठीक नही होगा परंतु अभी तक किये गये कामो के अनुसार करेगा कौन यह समझना होगा क्योंकि .......सब भाई भाई .....।

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