नई दिल्ली।
डेंगू से लोगों को भयाक्रांत नहीं होने की सलाह देते हुए योगगुरु रामदेव ने आज कहा
कि डेंगू लाइलाज बीमारी नहीं है, इससे परेशान होने की जरूरत नहीं है, सामान्य
चीजों का बोध नहीं होने के कारण भ्रांतियां फैल रही हैं। उन्होंने कहा कि लोग
सामान्य सतर्कता एवं अपने घर के आसपास मौजूद औषधीय पौधों एवं बूटियों का उपयोग
करके इसका उपचार कर सकते हैं।
योगगुरू ने
कहा कि गिलोय के पत्ते एवं लताओं का रस, एलोवीरा का रस, पपीते के पत्ते का रस और अनार के उपयोग से डेंगू का उपचार
किया जा सकता है और यह सामान हमारे घरों के आसपास आसानी से मिल सकते हैं।डेंगू से
परेशान होने की कतई जरूरत नहीं है। प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति में इसका उपचार है।
आयुर्वेद में बहुत से रोगों का उपचार जिन्हें सैकड़ों वर्षों से हमारे ऋषि मुनियों
ने तैयार किया है। आयुर्वेद की औषधियों की प्रामाणिकता की पुष्टि
किसी संस्था से कराने के बारे में एक सवाल के जवाब में योग गुरू रामदेव ने कहा कि
आयुर्वेद की औषधियों की पुष्टि के लिए कोई एजेंसी नहीं है। यह पुरानी पद्धति है और
प्राचीन काल में लिखी गई है और उसी के आधार पर आगे बढ़ रही है।अभी इस संबंध में
आयुष मंत्रालय बना है और वह इस मंत्रालय को लिखेंगे कि देश में परंपरागत चीजों एवं
चिकित्सा पद्धति के बारे में शोध को बढ़ावा दें। इस बारे में प्रामाणिक ज्ञान को
आगे बढ़ाने और आयुर्वेद के क्षेत्र में और शोध की आज अत्यधिक जरूरत है।
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